हिंदी का विकास
हिंदी फारसी भाषा का शब्द है इसका नामकरण ईरानियों द्वारा किया गया है। हिन्दी का विकास भारत के पश्चिमोत्तर में हुआ है।
हिंदी फारसी भाषा का शब्द है इसका नामकरण ईरानियों द्वारा किया गया है। हिन्दी का विकास भारत के पश्चिमोत्तर में हुआ है।
देश की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृतहै इसे देवभाषा या आर्यभाषाके नाम से भी जाना जाता है। हिन्दी में सबसे अधिक शब्दावलियाँ संस्कृत से लिया गया है यही कारण है कि संस्कृत को हिन्दी का मूल आधार कहते हैं।
भाषा(संस्कृत) ➩ भाष्(धातु) ➩ व्यक्तवाणी
भाषा संस्कृत के भाव् धातु से बना है जिसका अर्थ है व्यक्तवाणी। ताप्तर्य यह है कि - जिन ध्वनि चिन्हों द्वारा हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते है उसे भाषा कहते हैं।
उच्चारण की दृष्टि से भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि/वर्ण है। परन्तु साक्षरता की दृष्टि से भाषा की सबसे छोटी इकाई शब्द है।
➽ भाषा का प्रयोग मुख्यतः दो रुपों में होता है।
1. लिखित
2. मौखिक
1. लिखित भाषा- जब हम अपने विचारों या मनोभाव को लिखकर व्यक्त करते है या पढ़कर समझते हैं तब इसे लिखित भाषा कहते हैं।
2. मौखिक भाषा- जब हम अपने विचारों या मनोभावों को बोलकर व्यक्त करते हैं या सुनकर समझते हैं तब इसे मौखिक भाषा कहते हैं।
➽ हिंदी व्याकरण
व्याकरण का अर्थ है- विश्लेषण करना, व्याकरण तात्कालिक स्वरुप और नियमो से बंधा होता है। व्याकरण के अन्तर्गत निम्नलिखित तीन बातों पर विचार किया जाता है।
1. वर्ण विचार
2. शब्द विचार
3. वाक्य विचार
1. वर्ण विचार- इसके अन्तर्गत वर्णों के उच्चारण स्थान उनके लिखने की विधि तथा उसके वर्गीकरण के बारे में विचार किया जाता है।
2. शब्द विचार- इसके अन्तर्गत शब्दों की उत्पत्ति, रचना तथा इसके अर्थ पर विचार किया जाता है।
3. वाक्य विचार- इसके अन्तर्गत वाक्य की परिभाषा इसके वर्गीकरण तथा इसमें प्रयोग होने वाले विराम चिन्हों पर विचार किया जाता है।