वर्तनी
किसी भाषा का कोई सार्थक शब्द जिस वर्णानुक्रम में लिखा जाता हैं उसे वर्तनी कहते हैं वर्तनी को अंग्रेजी में Spelling तथा उर्दू में हिज्जे के नाम से जाना जाता हैं। वर्तनी सम्बन्धित समस्याएँ हर जीवन्त भाषा मे होती हैं।
वर्तनी का अर्थ है- वर्ण विन्यास
किसी भाषा का कोई सार्थक शब्द जिस वर्णानुक्रम में लिखा जाता हैं उसे वर्तनी कहते हैं वर्तनी को अंग्रेजी में Spelling तथा उर्दू में हिज्जे के नाम से जाना जाता हैं। वर्तनी सम्बन्धित समस्याएँ हर जीवन्त भाषा मे होती हैं। वर्तनी सम्बन्धी कमियों को दूर करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 1962 मे हिन्दी के विद्वानों की एक बैठक बुलाया जिसमें वर्तनी सम्बन्धित निर्णय लिए गये।
त्रिभुज- त् रिभुज = त्+र्+इ+भ्+उ+ज्+अ
आशीर्वाद - आशीर् वाद = आ+श्+ई+र्+व्+आ+द्+अ
वर्तनी सम्बन्धी कुछ महत्वपूर्ण नियम-
Rule 1- इक प्रत्यय का नियम- जिन शब्दों में इक प्रत्यय का प्रयोग किया जाता हैं उसका प्रथम पद दीर्घ हो जाता हैं।
जैसे- सामयिक= समय+इक
समाज +इक =सामाजिक
समास +इक =सामासिक
समुद्र+इक =सामुद्रिक
व्यवहार+इक =व्यावहारिक
Rule 2- ईत प्रत्यय का नियम- यदि किसी शब्द में ईत प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है तो र का परिवर्तन ऋ में हो जाता हैं।
जैसे- संग्रह+ईत =संगृहीत
संग् रह+ईत
संग् ऋह+ईत (संगृहीत)
अनुग्रह+ईत =अनुगृहीत
Rule 3- पंचमाक्षर का नियम- यदि पंचमाक्षर (ङ, ञ, ण, न, म) के बाद उसी वर्ग के शेष चार वर्णों में से कोई वर्ण आये तो पंचमाक्षर अनुस्वार में बदल जाता हैं।
जैसे- गङ गा = गंगा
हिन्दी =हिंदी
वन्दना =वंदना
सम्बन्ध =संबंध
Rule 4 – श, ष, स संबंधी नियम –
यदि किसी शब्द में श और ष दोनों एक साथ-साथ हो तो पहले श उसके बाद ष का स्थान होता हैं।
जैसे- शीर्ष, शीर्षक, विशेष
यदि किसी शब्द में श और स दोनो एक साथ आये तो पहले श उसके बाद स का स्थान होता हैं
जैसे- शासन, शासक, प्रंशसा
Rule 5- र सम्बन्धी नियम-
I. जिन शब्दों मे ऊध्रवेफ ‘र्’ का प्रयोग किया जाता हैं उसका रुप इस प्रकार होता हैं।
जैसे- कर् म =कर्म
आशीर् वाद =आशीर्वाद
II. ‘र’ का क्रास रुप
जैसे- क् रम = क्रम
परकाश = प्रकाश
प् रेम = प्रेम
III. ‘र’ में उ/ऊ की मात्रा का प्रयोग-
जैसे- र+उ = रु =रुपया
र+ऊ = रू = रूपा
वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध कुछ महत्वपूर्ण शब्द-
शुद्ध शब्द - अशुद्ध शब्द
महत्त्व (महत्त्त्व) - महत्व
महत्त्त्वाकांक्षा(महत्त्वाकांक्षा) - महत्वकांक्षा
तत्त्व-तत्व
श्रृंग-श्रृंग
श्रृंगार-श्रृंगार
श्रृंखला-श्रृँखला
उज्जवल-उज्जवल/उजज्वल
समुज्जवल-समुज्वल
द्वारका-द्वारिका
दधीचि-दधीची
अहल्या-अहिल्या
कालिदास-कालीदास
वाल्मीकि-वाल्मीकी
भागीरथी-भागीरथि
राहुल सांकृत्यायन-राहुल सांस्कृत्यान
प्रदर्शनी-प्रदर्शिनी
सौहार्द-सौहार्द्र
श्मशान-श्मसान
क्लेश-क्लेष
भस्म-भष्म
भीष्म-भीस्म
भस्मीकरण-भष्मीकरण
भैया-भइया
शय्या-शैया
शाप-श्राप
भुक्खड़-भुख्खङ
श्रीमान्-श्रीमान
पूज्य-पूज
पूजनीय-पूज्यनीय
उपर्युक्त-उपरोक्त
उच्छ् वास-उच्छवास
द्वन्द्व (द् वन्द् व)-द्वन्द
सीधा-सादा-सीधा-साधा
कृतकृत्य-कृत्यकृत्य
शूर्पणखा-शूर्पङखा
अन्त्याक्षारी-अन्ताक्षरी
वाङ्मय-वाक् मय
भगवद् गीता-भगवत् गीता
अक्षौहिणी-अक्षोहिणी
शुभूषा-सुभुषा
हिरण्यकशिपु-हिरण्यकश्यपु
कवयित्री-कवित्री
नरक-नर्क
विरहिणी-विरहणी
दुर्धर्ष-दुर्द्धर्ष
छिद्रोन्वेशी-छिद्रान्वेषी
इर्ष्या-ईर्षा
दुर्निवार-दुर्नीवार
अन्तर्धान-अन्तर्ध्यान
जाग्रत-जागृत
ज्योत्स्ना-ज्योत्सना